कौन हूँ मैं, जानता नहीं हूँ, अँधेरे गर्भ से निकला, महीनों तक पला, नाल से किसी से था जुड़ा, क्यों हुई उत्पत्ति मेरी, अंजान था मैं, बेखबर जब प्रकाश ने छुआ मुझे, ऑंखें हुई छुईमुई, जुदा कर दिया नाल से मुझे, फिर भी अंजान रहा बरसों तक, कौन हूँ मैं ? अ, म, ब से गुनगुनाता हुआ, अपनी ही आवाज़ से खुश होता...
मेट्रो में चीन की दीवार
6 वर्ष पहले