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अभिमान

रुको नहीं, थको नहीं, किसी से तुम झुको नहीं.

रुको नहीं, थको नहीं, किसी से तुम झुको नहीं. दिक्कतें हज़ार हो, मुश्किलों का पहाड़ हो. बन कर रोशनी तुम, मोड़ दो अँधेरे का मुँह. रुको नहीं, थको नहीं, किसी से तुम झुको नहीं. लोग कहेंगे, कहते रहेंगे, कुछ ना करने वाले सिर्फ बात करेंगे. धार लगा अपनी हिम्मत को, मान से लगा आग सबके अभिमान को. रुको नहीं, थको नहीं, किसी से तुम झुको नहीं. रगों में...

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