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गंगा और यमुना

गंगा मैली यमुना मैली पर इंसानों के मन है चंगे

बहुत पहले की एक कहावत है की “मन चंगा तो कठौती में गंगा” । तब जब इसे कहा गया था तब शायद या तो यमुना का अस्तिव नहीं रहा होगा या फिर शायद उसमे कोई नहाता नहीं होगा । या एक कारण और होगा वो है की वो पाप नहीं धोती होगी । पर आज तो क्या गंगा क्या यमुना दोनों ही सिर्फ...

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काम का चस्का

सुबह सुबह शिव के दर्शन, चलती बस में कीर्तन

क्या सोचू क्या लिखू  कभी कभी खुद से यही पूछता हूँ । खुद से कभी कभी । जवाब वही आता है जो लिखें वाला हूँ “चुप चाप जो मन में आये लिखे जायदा पका मत’ । सच में यही वो ख्याल है जब में थोडा ज्यादा ही सोचने लगता हूँ । तो प्रयास कम ही करता हूँ । मैं अपनी रोज ही जिंदगी...

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