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जेबकतरे

बस में मैं भी हुआ शिकार, जुदा हुआ यादों का संसार

मुझे बस में यात्रा करते हुए कोई 2 दशक से थोड़ा कम ही हुआ होगा बस इतने सालों को ब्लॉग के जरिये समेट पाना थोड़ा मुश्किल काम है पर में इसे लगातार लिखने का प्रयास करता हूँ ताकि धीरे धीरे ये इतने साल महीनो में बदल जाये और मेरी आदत लग जाये । ब्लॉग लिखेने की शुरुवात एक मजाक मजाक में हुई थी पर...

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इंडिया

बस की यात्रा

कुछ दिन पहले मेरे साथ या कहे मेरे सामने कुछ ऐसा हुआ की मैंने सोचा चलो बहुत दिनों के एक बार फिर से लिखा जाये । होता ये है की मेरा ऑफिस कोई १५ किलोमीटर दूर है ऐ यात्रा मैं बस से पूरी करता हूँ । रोज रोज कुछ न कुछ नया होता है । मसलन कभी किसी का पर्स मारा जाता है...

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