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चलो उठो

चलो उठो फतह करो

बहुत दिनों के बाद कुछ प्रस्तुत कर रहा हूँ, आशा करता हूँ आपको ये रचना पसंद आएगी.  चलो उठो फतह करो. हौसलें बुलंद कर  सीने को ज्वाला से  भर मार्ग तू प्रशस्त कर. चलो,उठो,फतह करो. चेहरे पर मुस्कान लिए भीतर एक तूफ़ान भर  ज़ज्बे से विरोधी को परास्त कर.   चलो,उठो,फतह करो. हौसलों के पंख खोल  औरों से ऊँची उड़न भर हर चुनौती पार कर. पार...

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