बस में दबंगई, सीट मिली तो Excuse me
दिसंबर 17, 2010
कई फिल्मों में एक बड़ा अच्छा संवाद कहा जाता है की बस, ट्रेन और लड़की के पीछे नहीं भागना चाहिए एक जाती है तो दूसरी आती है पर मेरा मानना है भागो और भागना जरूरी भी है वर्ना ऑफिस में आप लेट हो सकते है या किसी की शादी में या जॉब के इंटरव्यू में भी लेट हो सकते हैं । और सच मानिए जो मज़ा भाग कर इन तीनो को पकड़ने का है वो किसी और चीज़ में नहीं । और ख़ास कर तब जब बस, ट्रेन और लड़की के पीछे आप भाग रहे हो और वो किसी कारणवश रुक जायें और आप लपक कर उसे पकड़, ले सच मानिये इससे बड़ा सौभाग्य कोई और नहीं है। इन सब में लड़की अपवाद है, अपवाद भी न कहे तो ठीक रहेगा । अगर एक अच्छी लड़की के पीछे भागे और वो मिल जाये तो सोने पर सुहागा वरना तो आपका जीवन भाग-भाग कर बीत जायेगा और आपको भागने पर खेद होगा । पर सच मानिए बड़ा ही अदभुत मज़ा आता है भागने में और लपक कर पकड़ लेने पर सुकून फ्री ।
पिछले कई दिनों में मेरे साथ ऐसा ही हो रहा है । दिल्ली में अभी सर्दी की शुरुवात ही हुई है और मेरी नींद सुबह खुलने में आलस दिखाने लगी है । मोबाइल का अलार्म रोज़ प्रातः आने समय पर बजता है पर मुझे उठाये बिना ही स्वतः बंद हो जाता है वो तो भला हो मेरी माता जी का जो उठ कर पानी गरम होने को लगा देती है और मैं फिर देर में जल्दी से उठा कर नहाता हूँ । अगर कहा जाये तो नहाने में भी कई विधायें होती है पर रोज़ समय के हिसाब से रोज़ उनका अनुसरण करता हैं और सप्ताह में एक बार कौवा स्नान का भी मौका मिलता है । ये एक विशेष प्रकार का स्नान है जो कम समय में किया जाता है । आगे में क्या कहू आप समझदार है जान ही गए होंगे ये किस तरह का स्नान है । खैर मैं जल्दी से स्नान कर के बस को पकड़ने के लिये निकल जाता हूँ । पता नहीं क्या हो गया है जब से सरकार में ब्लू लाइन पर रेड लाइट दिखाई है तब से DTC में इतनी भीड़ क्यों हो गई है । बस की हालत देखता हूँ तो लगता है की सब के सब लेट है मेरी तरह । पर ऐसा नहीं होता एक बस में लिखा हुआ मैंने देखा था की “कृपया जल्दी चलने के लिये न कहे क्योंकि आप लेट हैं हम नहीं” । बस इसी ख्याल से में हमेशा ही चुप हो जाता हूँ और बस की रफ़्तार के साथ अपनी रफ़्तार मिला लेता हूँ ।
कई बार तो लटक कर यात्रा करनी पड़ती है और दिल्ली में तो नहीं हाँ पर कई बार जब अपने गांव में ऐसा करता था तो बस के पीछे लिखा रहता है की “लटके तो गए, ड्राईवर को मत बताये’।
पर फिर भी मैं सीट पाने के जुगाड में रहता हूँ । क्योंकि मुझे अब थोड़े-थोड़े लोग जानने भी लगे हैं तो जब लटकता हूँ तो कोई बड़े प्यार से मेरा बैग ले कर अपने स्थान पर रख देता है और बड़े प्यार से २ शब्द कहता है “संभल कर” और मेरा मन बड़ा खुश होता है चलो दिल्ली जैसे शहर में लोगों को अनजान लोगों की भी चिंता रहती है ।
लटक-लटक कर जगह बनाते-बनाते एक एक पायदान पर उपर चढ़ते-चढ़ते दबंगई दिखाते हुए मैं अपने शिकार के बगल में घात लगा कर बैठने के लिये मैं उसके पास खड़ा हो जाता हूँ । सच मानिये ये सीट/कुर्सी का ही मोह होता है की मैं इतना कुछ करके, ये सब कुछ करता हूँ वो भी सिर्फ दिल के सुकून के लिये न की नेताओं जैसा धन के लिये ।
क्योंकि मुझे अब अच्छी तरह से पता है की कौन सी सीट कब खाली होती है । फिर जब इतनी मेहनत के बाद सीट मिले तो उसका मज़ा ही कुछ और है । सीट क्या कोई भी चीज़ के लिये आप इतनी मेहनत करे और जब वो आपको मिल जाती है तो उसका मज़ा ही कुछ और होता है । पर मेरे इस सुख पर पहले से कोई निगाह जमायें हुए थी या उसे पता था की मुझे ये पता है की कब कौन सी सीट खाली होगी। मैं जैसे ही बैठा वो भद्र महिला ने बड़े प्यार से २ शब्द कहे Excuse me क्या मैं बैठ जाऊ । अब तो मुझे काटो तो खून नहीं मैंने अब खड़े हो कर यात्रा करना ही उचित समझा और सारी दबंगई सलमान के लिये छोड़ दी।
3 टिप्पणियाँ
पर मेरे इस सुख पर पहले से कोई निगाह जमायें हुए थी या उसे पता था की मुझे ये पता है की कब कौन सी सीट खाली होगी। मैं जैसे ही बैठा वो भद्र महिला ने बड़े प्यार से २ शब्द कहे Excuse me क्या मैं बैठ जाऊ । अब तो मुझे काटो तो खून नहीं मैंने अब खड़े हो कर यात्रा करना ही उचित समझा और सारी दबंगई सलमान के लिये छोड़ दी।
जवाब देंहटाएं....chalo us mahila ke vajah se isi bahane aaj aapne itne acchi post likhi... yahin to sabhyata jhalakti hai bhale maanushon mein .....
aapne bahut achha kiya kasht to hua hoga lekin kabhi kabhi kasht ka bhi apne ek alag hi maja hota hai.. kyon!
@कविता जी अपने बिलकुल सही कहा धन्यवाद आपके कमेन्ट के लिये और आपको अच्छा लगा ये मेरा इनाम
जवाब देंहटाएंआशा करता हूँ बाकी के लेख भी आपको पसंद आए होंगे
Very interesting, jo vipul tumne likha hai shayad sabhi experience karte hain lekin itni gahrai se uske baware mein soochta koi nahi... very nice read!!
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