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दस्तक

दस्तक

दस्तक दिल पर दस्तक दे रहा है तेरा कोई, पूछता हूँ तो कहती है मैं तेरा ही साया हूँ, एक बार फिर तुझसे मिलने आयी हूँ, क्यों छुपता है मिलने से तुझे हाल बताने आयी हूँ, जिस्म पर न सही दिल पर तेरा आज भी कब्ज़ा है, बस दूर हूँ तुझसे ये खता हमारी है, ऑंखें बंद करू तो चेहरा आज भी तेरा...

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उफ्फ

यादों का घरोंदा

यादों का घरोंदा   ना नज़रे मिलाते है न झुकाते हैं, देख कर उन्हें बस देखते जाते हैं । ना बोल पाते है न चुप हो पाते हैं, देख कर उन्हें बस गुनगुनाये जाते हैं ।   ना कुछ लिख पाते हैं न कुछ मिटा पाते हैं, देख कर उन्हें बस लकीरें खींच पाते हैं ।   ना चल पाते हैं न बैठ...

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