मेरे और मेरे भतीजे अरनव के बीच ऐसा होता है, तो सोचा सब चीजों को शब्दों के रूप में आपके सपने प्रस्तुत कर दूँ । आशा करता हूँ मेरा ये प्रयास आपको अच्छा लगेगा । मासूम बचपन चंचल आँखों के नए सपने, हर रोज खिलौनों से खेले । अपनी हर बात को मनवाती, तेरी ये मासूम ऑंखें...
मेट्रो में चीन की दीवार
6 वर्ष पहले