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इंडिया गेट

मासूम बचपन

मेरे और मेरे भतीजे अरनव के बीच ऐसा होता है, तो सोचा सब चीजों को शब्दों के रूप में आपके सपने प्रस्तुत कर दूँ । आशा करता हूँ मेरा ये प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।                मासूम बचपन  चंचल आँखों के नए सपने, हर रोज खिलौनों से खेले । अपनी हर बात को मनवाती, तेरी ये मासूम ऑंखें...

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