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करवट

क्या है जिंदगी ?

क्या है जिंदगी ? उलझी हुई डोर सी लगती है कभी, हर सुलझती गाँठ से उलझती है जिंदगी. क्या कहू तुझे ऐ जिंदगी,  हर पल समझता हूँ तुझे फ़ना जिंदगी. बहुत कुछ सीखा है तुझसे, गिर कर उठना, फिर चलना है जिंदगी. जब सोचा बहुत हुआ अब और नहीं,  हिम्मत करके लड़ना है जिंदगी. मुक्कदर में लिखा है मिलेगा,  ना मिले गर तो लड़,...

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