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आसमानी

बरसात की बूँद

बरसात की बूँद  गालों पर तेरे बरसात का पानी, हवाओं से कांपते होंठ गुलाबी. नशीली आँखों का रंग आसमानी, नाक पर गुस्सा है बेमानी. सिकुड कर तेरा बैठना, जैसे फूल की हो खिलने की तैयारी. हवा के झोके ने भी ठानी, तेरे जुल्फों से करनी थी जैसे उसे मनमानी. बार-बार तेरे गैसुहों का लहराना कर आँखों पर आना, तेरा प्यार से उनको संवारना....

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अँधेरा

अहसास

दूर रह कर भी कितने पास हो तुम, मेरी साँस की आस हो तुम. महसूस होता है जेहन तक तू, चाहता हूँ और करू महसूस तुझे. हर लेती साँस के साथ, करता हूँ जब ऑंखें बंद चेहरा नज़र आता है तेरा वो मासूम अदा, अल्हड हंसी, वो जुल्फों का अँधेरा, वो गुलाबी होंठों का नशा. आज भी महसूस करता हूँ तुझे इन हवाओं...

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