बरसात की बूँद गालों पर तेरे बरसात का पानी, हवाओं से कांपते होंठ गुलाबी. नशीली आँखों का रंग आसमानी, नाक पर गुस्सा है बेमानी. सिकुड कर तेरा बैठना, जैसे फूल की हो खिलने की तैयारी. हवा के झोके ने भी ठानी, तेरे जुल्फों से करनी थी जैसे उसे मनमानी. बार-बार तेरे गैसुहों का लहराना कर आँखों पर आना, तेरा प्यार से उनको संवारना....
मेट्रो में चीन की दीवार
6 वर्ष पहले