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की रात

जम के बरसो आज

जम के बरसो आज  जम कर बरसो आज धो दो सारी पानी वाली आग लोग हो जाये तुमसे निहाल और फिर कहे तुम क्यों आये आज तुम तब भी ना रुकना तुम अपने वेग तो मत थमने देना रफ़्तार और बढा देना बुँदे और बड़ी कर देना फिर लोग कहेंगे आज तुम क्यों बरसे , इतना विशाल तुम फिर भी मत सुनना इनकी...

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