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अँधेरा

अहसास

दूर रह कर भी कितने पास हो तुम, मेरी साँस की आस हो तुम. महसूस होता है जेहन तक तू, चाहता हूँ और करू महसूस तुझे. हर लेती साँस के साथ, करता हूँ जब ऑंखें बंद चेहरा नज़र आता है तेरा वो मासूम अदा, अल्हड हंसी, वो जुल्फों का अँधेरा, वो गुलाबी होंठों का नशा. आज भी महसूस करता हूँ तुझे इन हवाओं...

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उफ्फ

यादों का घरोंदा

यादों का घरोंदा   ना नज़रे मिलाते है न झुकाते हैं, देख कर उन्हें बस देखते जाते हैं । ना बोल पाते है न चुप हो पाते हैं, देख कर उन्हें बस गुनगुनाये जाते हैं ।   ना कुछ लिख पाते हैं न कुछ मिटा पाते हैं, देख कर उन्हें बस लकीरें खींच पाते हैं ।   ना चल पाते हैं न बैठ...

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