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दस्तक

दस्तक

दस्तक दिल पर दस्तक दे रहा है तेरा कोई, पूछता हूँ तो कहती है मैं तेरा ही साया हूँ, एक बार फिर तुझसे मिलने आयी हूँ, क्यों छुपता है मिलने से तुझे हाल बताने आयी हूँ, जिस्म पर न सही दिल पर तेरा आज भी कब्ज़ा है, बस दूर हूँ तुझसे ये खता हमारी है, ऑंखें बंद करू तो चेहरा आज भी तेरा...

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खुमारी

सुध-बुध खोई पर तू न गयी मेरे मन से

सुध-बुध खोई पर तू न गयी मेरे मन से कल की खुमारी अभी तक दिमाग में इस तरह बसी हुई है जैसे कोई खराब गंध बस जाती है । उस दिन रात को देर से नींद आई और चूँकि अगले दिन ऑफिस की चट्टी थी तो नींद भी जल्दी खुल गयी । क्या ऐसा मेरा ही साथ होता है या सबके साथ साथ...

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