­
आज़ाद

चन्द्र शेखर आज़ाद को समर्पित एक कविता

आज कुछ लिखने का नहीं बल्कि गुनगुनाने का मन किया तो सहसा ही पता नहीं कहाँ से चंद्रशेखर आज़ाद याद आ गए और उनपर मैंने कुछ पंक्तियाँ लिखी है उनको आपके समक्ष प्रस्तुत करता हूँ आशा है आपको पसंद आएगी देश को आज़ाद कराने, की ज़िद जिसने ठानी थी उठा कर बन्दूक, चलाकर कर गोली, लिखनी नयी कहानी थी भगत बिस्मिल के साथ,...

Continue Reading

Subscribe