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खाली बस

खाली बस का आनंद और राजसी सुख का एहसास

खाली बस का आनंद और राजसी सुख का एहसास कल का दिन वैसे सभी लिहाज़ से शनिवार और रविवार से अच्छा था । कम से कम सोमवार को वो सब नहीं हुआ जो रविवार और शानिवार को हुआ था ।पूरा दिन अच्छे से गुजर गया जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो । कब १० बजे कब १२ और कब ५ पता ही नहीं...

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खुमारी

सुध-बुध खोई पर तू न गयी मेरे मन से

सुध-बुध खोई पर तू न गयी मेरे मन से कल की खुमारी अभी तक दिमाग में इस तरह बसी हुई है जैसे कोई खराब गंध बस जाती है । उस दिन रात को देर से नींद आई और चूँकि अगले दिन ऑफिस की चट्टी थी तो नींद भी जल्दी खुल गयी । क्या ऐसा मेरा ही साथ होता है या सबके साथ साथ...

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