अहसास

सितंबर 03, 2012


दूर रह कर भी कितने पास हो तुम,
मेरी साँस की आस हो तुम.
महसूस होता है जेहन तक तू,
चाहता हूँ और करू महसूस तुझे.
हर लेती साँस के साथ,
करता हूँ जब ऑंखें बंद
चेहरा नज़र आता है तेरा
वो मासूम अदा,
अल्हड हंसी,
वो जुल्फों का अँधेरा,
वो गुलाबी होंठों का नशा.
आज भी महसूस करता हूँ तुझे इन हवाओं में,
तेरी छोड़ी हुई जगह के निशानों में. 
Copyright @csahab

You Might Also Like

2 टिप्पणियाँ

Subscribe