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क्रू मेम्बर

रघु, राम और रोडीज

रविवार की रात का कोई 12 बजा होगा, आखों से नींद कोसों दूर थी और लगता भी नहीं की जल्दी नींद आने वाली थी, क्योंकि कल मेरी मुलाकात उन लोगों से होनी थी जो आज देश में अपना एक मुकाम रखते हैं. पिछले कुछ सालों से उन्हें लगातार टीवी पर देख रहा हूँ, यदा-कदा टिप्पणी भी करता था पर अपने दिल में ही रखता या...

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