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ईनाम

मेट्रो में मैराथन

ये दिल्ली है मेरी जान ! जानते हो क्यूँ ? क्योंकि यहां दिल वालों की मंडली रहती है । हर कोई दिल देने और दिल लेने में लगा हुआ है । कमी है बस तो एक कि टाइम नहीं है किसी के पास और अगर है तो फिर खूब सारा फिर  तक जब तक आप उससे उब नहीं जाते आप उसे छोड़ नहीं...

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चमकता

बस में ठूसी हुई सवारी और कान में हेडफोन

बस में ठूसी हुई सवारी और कान में हेडफोन आजकल ऑफिस में बड़े ही अजीब तरह का माहौल है । पता ही चलता कि टाइम पंख लगा कर उड़ जाता है । पता ही नहीं  चलता  कि आने के बाद समय कैसे पास हो गया । और जब ऑफिस से जाने का समय होता है तब पता चलता है अरे अब तो जाने...

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