दूर रह कर भी कितने पास हो तुम, मेरी साँस की आस हो तुम. महसूस होता है जेहन तक तू, चाहता हूँ और करू महसूस तुझे. हर लेती साँस के साथ, करता हूँ जब ऑंखें बंद चेहरा नज़र आता है तेरा वो मासूम अदा, अल्हड हंसी, वो जुल्फों का अँधेरा, वो गुलाबी होंठों का नशा. आज भी महसूस करता हूँ तुझे इन हवाओं...
मेट्रो में चीन की दीवार
6 वर्ष पहले