आज़ाद

चन्द्र शेखर आज़ाद को समर्पित एक कविता

अनुरोध

अब हिंदी में छा जाना है

जेबकतरे

बस में मैं भी हुआ शिकार, जुदा हुआ यादों का संसार

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