अब हिंदी में छा जाना है
सितंबर 11, 2010सभी मित्रों और बंधुजनो कों प्रणाम
मैंने कुछ दिन पूर्व ही ये मंच ज्वाइन किया है और कुछ ही दिनों में मुझे इससे बहुत कुछ सिखने मिला . जिससे मुझे एक नया मार्गदर्शन मिला।
जिसके फलस्वरुप मेरा ५ महीने पुराना ब्लॉग(Nayadinnayikahani.blogspot.com) बहुत अच्छी तरह से चल गया और मुझे एक अंतर्राष्टीय संस्था ने अपने हिंदी के ब्लॉग का एडिटर बना दिया है। http://worldlanguagecommunications.com/
हमारा उद्देश्य हिंदी सम्बन्धी लेखो को और आगे ला जाना है और साथ में हिंदी साहित्य कों एक नया मुकाम देने का है।
उनका उद्देश्य हिंदी में अधिक से अधिक साहित्य कों बढ़ावा देना है और साथ में अधिक से अधिक भारत में हिंदी अनुवाद कों भी आगे ले जाना है जिससे वो भविष्य में इंडिया में जॉब के अच्छे अवसर प्रदान कर सके ।
मेरा आपसे अनुरोध है की आप भी अपने हिंदी साहित्य से सम्बंधित लेख, अनुभव और ज्ञान हमारे साथ बांटिये
हम आपके नाम के साथ आपका लेख छापेंगे और अगर आप ब्लॉग लिखते हैं तो आपके ब्लॉग का लिंक भी देंगे
फिलहाल ये पूरी तरह से निशुल्क रहेगा अर्थात लेख लिखने का कोई शुल्क नहीं मिलेगा
मेरा उद्देश्य इसके पीछे हिंदी कों अधिक से अधिक आगे ले जाना है ताकि दूसरे देशो में भी हिंदी कों बढ़ावा मिले .......
जिस कंपनी के साथ मैं जुड़ा हूँ वो यू.एस.ए में अनुवाद के क्षेत्र में है और भारत कों अपने प्रभावी देशो में देखती है। ये गठबंधन हम दोनों और हम सबके लिए अच्छा साबित होगा। ऐसा मुझे विश्वास है।
मैं आपके भेजे हुए लेख से शुरुवात करना चाहता हूँ और लेख के इंतज़ार में हूँ
लेख क विषय हो सकते है - अनुवाद , भाषा के सम्बन्धी , भाषा , भाषा रूप, अनुवाद का व्यापारिक महत्व
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