­
काया

जींस की माया, बदल दी काया और स्टैंड पर भीड़ का साया

आज कल कुछ दिनों से दिन बड़े मासूमियत से गुज़र जाते हैं । पता की नहीं चलता की कब दिन गुज़रेगे और मुझे ऑफिस से घर जाना है और जब घर पर रहता हूँ पता ही चलता की कब रात कट गई, सुबह हुई और फिर ऑफिस जाने का मन नहीं करता है । पर प्रकृति का जो नियम है उसको आप कब...

Continue Reading

कहावत

झक्की ड्राईवर सवारी परेशान

जब में छोटा था तो एक बात मेरे मामा ने एक बात कही थी “Every Place has a thing and every thing has a place” ये पूरी तरह से कितनी सही है ये नहीं पता । इस कहावत को याद आने का एक कारण है और उसे कहे जाने के कई । जब मामा ने कहा था तब हम छोटे थे अपना कोई...

Continue Reading

कष्ट

कॉमनवेल्थ गेम्स के चक्कर में, लड़का शिकार हो गया लड़की की टक्कर में

कॉमनवेल्थ गेम्स से सरकार को उतना फायदा नहीं मिला होगा जितना कष्ट आम जनता को हुआ होगा  बसों की हालत खराब है यात्री बेहाल हैं और सरकार लाइलाज है । जैसे जैसे कॉमनवेल्थ गेम्स की तारिख पास आ रही है वैसे वैसे आम लोंगो की दिक्कत बढती जा रही है । हालाँकि इसके दूरगामी परिणाम अच्छे होंगे पर अभी तो लंका लगी हुई...

Continue Reading

एफम

बस में भीड़ और विज्ञापन का असर साथ में कॉमन वेल्थ फ्री

बस में भीड़ और विज्ञापन का असर साथ में कॉमन वेल्थ फ्री आज कल जिधर देखो खुदा ही खुदा है, मैं दिल्ली के रास्तों की बात कर रहा हूँ । आप जिधर देख लो हर तरफ खुदा है और उसमे पानी भरा हुआ है और साथ में वो मच्छर प्रजनन स्थल बने हैं । और उन्हें मीडिया बड़ी ही तन्मंता के साथ दिखा...

Continue Reading

आज़ाद

चन्द्र शेखर आज़ाद को समर्पित एक कविता

आज कुछ लिखने का नहीं बल्कि गुनगुनाने का मन किया तो सहसा ही पता नहीं कहाँ से चंद्रशेखर आज़ाद याद आ गए और उनपर मैंने कुछ पंक्तियाँ लिखी है उनको आपके समक्ष प्रस्तुत करता हूँ आशा है आपको पसंद आएगी देश को आज़ाद कराने, की ज़िद जिसने ठानी थी उठा कर बन्दूक, चलाकर कर गोली, लिखनी नयी कहानी थी भगत बिस्मिल के साथ,...

Continue Reading

अनुरोध

अब हिंदी में छा जाना है

सभी मित्रों और बंधुजनो कों प्रणाम मैंने कुछ दिन पूर्व ही ये मंच ज्वाइन किया है और कुछ ही दिनों में मुझे इससे बहुत कुछ सिखने मिला . जिससे मुझे एक नया मार्गदर्शन मिला। जिसके फलस्वरुप मेरा ५ महीने पुराना ब्लॉग(Nayadinnayikahani.blogspot.com) बहुत अच्छी तरह से चल गया और मुझे एक अंतर्राष्टीय  संस्था ने अपने हिंदी के ब्लॉग का एडिटर बना दिया है। http://worldlanguagecommunications.com/...

Continue Reading

जेबकतरे

बस में मैं भी हुआ शिकार, जुदा हुआ यादों का संसार

मुझे बस में यात्रा करते हुए कोई 2 दशक से थोड़ा कम ही हुआ होगा बस इतने सालों को ब्लॉग के जरिये समेट पाना थोड़ा मुश्किल काम है पर में इसे लगातार लिखने का प्रयास करता हूँ ताकि धीरे धीरे ये इतने साल महीनो में बदल जाये और मेरी आदत लग जाये । ब्लॉग लिखेने की शुरुवात एक मजाक मजाक में हुई थी पर...

Continue Reading

कनटोपा

अजब रास्तों की थोड़ी गजब कहानी, तड़का मार के मेरी जुबानी

आप कभी कभी चाह कर भी कुछ नहीं लिख सकते क्योंकी आपका मन नहीं लगता है । कुछ करने में बहुत कुछ सितम सेहना है । इतने दिनों से ब्लॉग से दूर हूँ पर सच मानिये मन से नहीं तन से मजबूर हूँ ।  दिल हमेशा सही कहता है ये हर शायर कहता है । वैज्ञानिक दिल छोड कर दिमाग की बात मानने...

Continue Reading

काम का चस्का

सुबह सुबह शिव के दर्शन, चलती बस में कीर्तन

क्या सोचू क्या लिखू  कभी कभी खुद से यही पूछता हूँ । खुद से कभी कभी । जवाब वही आता है जो लिखें वाला हूँ “चुप चाप जो मन में आये लिखे जायदा पका मत’ । सच में यही वो ख्याल है जब में थोडा ज्यादा ही सोचने लगता हूँ । तो प्रयास कम ही करता हूँ । मैं अपनी रोज ही जिंदगी...

Continue Reading

छोटा

बस में वियाग्रा गुरु का व्याख्यान, सफर में हुआ आराम

बस में वियाग्रा गुरु का व्याख्यान, सफर में हुआ आराम बात को २-३ दिन बीत चुके हैं । मुझे नहीं पता ये २-३ दिन मेरे किस तरह बीते हैं ।  समोसे वाली घटना के बाद में बड़े ही संभल कर बस में सीट चुनता हूँ । वक्त शाम का था ऑफिस से जाते हुए मैंने उस दिन समोसे के बजाय भुट्टे को प्राथमिकता...

Continue Reading

इंग्लिश

बस में २ तरफ़ा हमला और मैं बेचारा अकेला

बस में २ तरफ़ा हमला और मैं बेचारा अकेला कल मुझे एक जरूरी काम से कंही जाना था पर ऑफिस में थोड़े काम की वजह से में वो काम नहीं कर पाया । खैर उसका कोई मलाल नहीं । मैं भी रोज की तरह मस्ती में ऑफिस से घर की तरफ गुनगुनाते हुए निकला । इस बात से अनजान की आज बस में...

Continue Reading

की रात

जम के बरसो आज

जम के बरसो आज  जम कर बरसो आज धो दो सारी पानी वाली आग लोग हो जाये तुमसे निहाल और फिर कहे तुम क्यों आये आज तुम तब भी ना रुकना तुम अपने वेग तो मत थमने देना रफ़्तार और बढा देना बुँदे और बड़ी कर देना फिर लोग कहेंगे आज तुम क्यों बरसे , इतना विशाल तुम फिर भी मत सुनना इनकी...

Continue Reading

उपदेश

बस में यात्रीयों की कुछ खास आदतें

बस में यात्रीयों  की कुछ खास आदतें सुबह उठने अगर आपको ५ मिनट भी लेट होता है तो आपकी पूरी दिनचर्या डांवाडोल हो जाती है ।  फिर एक के बाद एक आप लेट ही होते जाते है । जब तक की आप किसी एक महत्वपूर्ण काम को छोड ना दे । पर उसको छोडना भी एक साहस वाला काम है । की किसी...

Continue Reading

Subscribe