तेरे अक्स कि तलाश में तेरी खुशबू का अहसास कर देता है मदहोश तुझे महसूस करता हूँ फ़िज़ाओं में हवाओं में, साँस लेते अहसासों में जब तुझे उकेरता हूँ कागज पर क्यों नज़र नहीं आता तेरा वो हसीन चेहरा वो चमकती आंखे वो जुल्फों का साया वो गालों पर गहरा समंदर वो मासूम मुस्कान वो सुबह की पहली अंगड़ाई जैसे पंक्षी उड़े आकाश...
मेट्रो में चीन की दीवार
6 वर्ष पहले