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अहसास

कोई सोया नहीं रात भर..

कोई सोया नहीं रात भर.. जागती ऑंखें बताती हैं...कोई सोया नहीं रात भर, याद करता रहा तारे गिन, वो रात भर । बिस्तर की सिलवटें कहती हैं...कोई सोया नहीं रात भर, गिनते रहे करवटों का बदलना, वो रात भर । किताबों में रखे गुलाब बताते है...कोई सोया नहीं रात भर,   मुरझाये फूलों से पाते रहे खुश्बू का अहसास, वो रात भर ।...

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करवट

क्या है जिंदगी ?

क्या है जिंदगी ? उलझी हुई डोर सी लगती है कभी, हर सुलझती गाँठ से उलझती है जिंदगी. क्या कहू तुझे ऐ जिंदगी,  हर पल समझता हूँ तुझे फ़ना जिंदगी. बहुत कुछ सीखा है तुझसे, गिर कर उठना, फिर चलना है जिंदगी. जब सोचा बहुत हुआ अब और नहीं,  हिम्मत करके लड़ना है जिंदगी. मुक्कदर में लिखा है मिलेगा,  ना मिले गर तो लड़,...

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इंडिया गेट

मासूम बचपन

मेरे और मेरे भतीजे अरनव के बीच ऐसा होता है, तो सोचा सब चीजों को शब्दों के रूप में आपके सपने प्रस्तुत कर दूँ । आशा करता हूँ मेरा ये प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।                मासूम बचपन  चंचल आँखों के नए सपने, हर रोज खिलौनों से खेले । अपनी हर बात को मनवाती, तेरी ये मासूम ऑंखें...

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पेट्रोल

लाल बत्ती का बाजार, बचत का भंडार

कहते हैं बड़े-बड़े शहर कभी नहीं सोते पर मैं कहता हूँ वो जागते हैं आपने सपने पूरा करने के लिये । क्योंकि वो हर समय अपनी धुन में रहते हैं । और सब के सब अपने सपने को पूरा करने के जुगाड में लगे रहते हैं । इसलिये घर में लोग कम हो रहे हैं और रोड पर बढ़ रहे हैं जाने किसकी...

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दस्तक

दस्तक

दस्तक दिल पर दस्तक दे रहा है तेरा कोई, पूछता हूँ तो कहती है मैं तेरा ही साया हूँ, एक बार फिर तुझसे मिलने आयी हूँ, क्यों छुपता है मिलने से तुझे हाल बताने आयी हूँ, जिस्म पर न सही दिल पर तेरा आज भी कब्ज़ा है, बस दूर हूँ तुझसे ये खता हमारी है, ऑंखें बंद करू तो चेहरा आज भी तेरा...

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उफ्फ

यादों का घरोंदा

यादों का घरोंदा   ना नज़रे मिलाते है न झुकाते हैं, देख कर उन्हें बस देखते जाते हैं । ना बोल पाते है न चुप हो पाते हैं, देख कर उन्हें बस गुनगुनाये जाते हैं ।   ना कुछ लिख पाते हैं न कुछ मिटा पाते हैं, देख कर उन्हें बस लकीरें खींच पाते हैं ।   ना चल पाते हैं न बैठ...

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अदभुत

बस में दबंगई, सीट मिली तो Excuse me

कई फिल्मों में एक बड़ा अच्छा संवाद कहा जाता है की बस, ट्रेन और लड़की के पीछे नहीं भागना चाहिए एक जाती है तो दूसरी आती है पर मेरा मानना है भागो और भागना जरूरी भी है वर्ना ऑफिस में आप लेट हो सकते है या किसी की शादी में या जॉब के इंटरव्यू में भी लेट हो सकते हैं । और सच...

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सगाई विशेषांक कविता

सोमवार को मेरे एक दोस्त की सगाई थी पर कुछ कारणवश जा ना सका तो  उसको ये एक तुच्छ सी कविता समर्पित करता हूँ और उम्मीद करता हूँ की वो अपनी शादी तक मुझे याद रखेगा और अपनी शादी का लड्डू मुझे भी चखायेगा ........आगे की कविता प्रस्तुत है ...... सगाई विशेषांक कुछ दिन खुशी से और जी लो कुछ दिन खाना खुद...

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अक्स

तेरे अक्स कि तलाश में

तेरे अक्स कि तलाश में तेरी खुशबू का अहसास कर देता है मदहोश तुझे महसूस करता हूँ फ़िज़ाओं में हवाओं में, साँस लेते अहसासों में जब तुझे उकेरता हूँ कागज पर क्यों नज़र नहीं आता तेरा वो हसीन चेहरा वो चमकती आंखे वो जुल्फों का साया वो गालों पर गहरा समंदर वो मासूम मुस्कान वो सुबह की पहली अंगड़ाई जैसे पंक्षी उड़े आकाश...

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नागवार

चंद अल्फाज़ तेरे लिये

कुछ पंक्तियाँ बस के यात्रा के दौरान मन में हिलोरे ले रही थी। सोचा लिख लू आज आपके सामने प्रस्तुत है आशा करता हूँ आपको अच्छी लगेगी। इसको लिखे के पीछे कोई निजी अनुभव नहीं पर हाँ देखे हुए जरूर है ।   वो कहते हैं बदनाम हो गया हूँ उनकी गली में आम हो गया हूँ। मेरा आना अब उन्हें नागवार गुजरता है उनके...

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अनजान राहों की तलाश में पथिक

अनजान राहों की तलाश में पथिक

मेरी नयी कविता : अनजान राहों की तलाश में पथिक ...

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गंगा और यमुना

गंगा मैली यमुना मैली पर इंसानों के मन है चंगे

बहुत पहले की एक कहावत है की “मन चंगा तो कठौती में गंगा” । तब जब इसे कहा गया था तब शायद या तो यमुना का अस्तिव नहीं रहा होगा या फिर शायद उसमे कोई नहाता नहीं होगा । या एक कारण और होगा वो है की वो पाप नहीं धोती होगी । पर आज तो क्या गंगा क्या यमुना दोनों ही सिर्फ...

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काया

जींस की माया, बदल दी काया और स्टैंड पर भीड़ का साया

आज कल कुछ दिनों से दिन बड़े मासूमियत से गुज़र जाते हैं । पता की नहीं चलता की कब दिन गुज़रेगे और मुझे ऑफिस से घर जाना है और जब घर पर रहता हूँ पता ही चलता की कब रात कट गई, सुबह हुई और फिर ऑफिस जाने का मन नहीं करता है । पर प्रकृति का जो नियम है उसको आप कब...

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